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Wednesday 28 November 2007

शादी करनी है...चाहिए एक दूल्हा!

शादी करनी है...चाहिए एक दूल्हा!

एक जवान लड़की कैसे सपने देखती है...जरा उसके सपनों मैं हम भी तो झांक कर देखें...

अरे! यह तो दिवास्वप्न है...जो यह दिन में देख रही है..कुछ ऐसे...कुछ वैसे...

हाय मै अब जवान हो गई हूं.शादी के सपनें दिन-रात देख रही हूं...वैसे सुंदर हूं मै! लंबे, घने,काले और चमकदार बाल है मेरे!रंग मेरा सांवला है तो क्या हुआ? मुझे कॉलेज में 'सांवली हसीना' कहा जाता है.मै भी तो मेरा यह नया नाम सुन कर खुश हो जाती हूं!
...पर हाय! अब तक मेरे दिल के करीब कोई भी नहीं पहुंचा! कई हैंडसम मुझसे दोस्ती करने आते है...हैलॉ,कहते हुए मेरा हाथ भी थाम लेते है..पर मेरे मन को आज तक प्यार की अनुभूति नहीं हुई...क्यो?
है कोई जो मेरे दिल को जरासा भी हिला कर रख दे! मेरे दिल में गुलाब की हज़ारों कलियां मौजूद है...क्या उन्हें आ कर खिलाने की हरकत कर सकता है कोई?....नहीं,नही!मुझे तो तलाश है एक दूल्हे की...कहां मिलेगा मुझे?

अब सपने से बाहर, हकीकत कि दुनियामें वापस आ सकतें है आप!

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